UPSC Result; Drishti IAS MD Vikas Divyakirti | Civil Services CSAT Paper ed | EduCare न्यूज: प्रोफेसर विकास दिव्यकीर्ति बोले- इस साल कठिन था UPSC में CSAT का पेपर, हिंदी मीडियम के छात्रों को नुकसान हुआ


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11 घंटे पहले

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बीते दिनों संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज एग्जाम के रिजल्ट जारी किए। इस रिजल्ट के बारे में दैनिक भास्कर ने सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी के एक्सपर्ट प्रोफेसर विकास दिव्यकीर्ति से बात की।

इस एनालिसिस के मुताबिक इस बार एग्जाम का CSAT का पेपर काफी मुश्किल था और इसका फायदा मैथ्स और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के कैंडिडेट्स को मिला। वहीं, हिंदी मीडियम के कैंडिडेट्स को इससे नुकसान हुआ है।

UPSC सिविल सर्विसेज एग्जाम में होते हैं तीन स्टेज
दरअसल, UPSC सिविल सर्विसेज एग्जाम के तीन स्टेज होते हैं। प्रीलिम्स, Mains और इंटरव्यू। इनमें से प्रीलिम्स क्वालीफाइंग नेचर का होता है। इसका मतलब है कि Mains देने के लिए प्रीलिम्स क्वालिफाई करना जरूरी है। हालांकि, इसके मार्क्स मेरिट लिस्ट में ऐड नहीं होते।

प्रीलिम्स के दो पार्ट्स होते हैं- पेपर 1 और पेपर 2। पेपर 1 – जनरल स्टडीज का टेस्ट होता है जबकि पेपर-2 CSAT का होता है यानी सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट।

42 कैंडिडेट्स 2022 में फाइनल तक पहुंचे थे, 2023 में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर सके
एनालिसिस के मुताबिक इस बार CSAT का पेपर पिछले सालों की तुलना में कठिन था। इसे ऐसे समझें – 2022 में एग्जाम क्वालिफाई किए उम्मीदवारों में से 54 हिंदी मीडियम के थे। इनमें से 12 को IAS मिला लेकिन बचे हुए 42 कैंडिडेट्स को IAS नहीं मिला था और इन्होंने इस साल दोबारा एग्जाम दिया। इनमें से सिर्फ 8 ही इस बार पास हो सके बाकी 34 प्रीलिम्स में फेल हो गए।

पिछले 10 सालों में सोशियोलॉजी ऑप्शनल में सबसे ज्यादा सक्सेस रेट
UPSC CSE एग्जाम में Mains के पेपर में कैंडिडेट्स के पास खुद अपने लिए एक ऑप्शनल सब्जेक्ट चुन सकते हैं। इस बार सिलेक्ट हुए टॉप 20 कैंडिडेट्स में से 6 का ऑप्शनल सब्जेक्ट सोशियोलॉजी था। कैंडिडेट्स जो 5 सब्जेक्ट्स ऑप्शनल के तौर पर सबसे ज्यादा चुनते हैं, उनमें सोशियोलॉजी में सिलेक्शन रेट सबसे ज्यादा है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 10 सालों के ट्रेंड के हिसाब से सोशियोलॉजी के साथ आवेदन करने वाले 8 से 11.7% कैंडिडेट्स हमेशा सफल हुए हैं। इसके बाद सिलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स का दूसरा सबसे पसंदीदा सब्जेक्ट जियोग्राफी रहा।

पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा कैंडिडेट्स ने जियोग्राफी ऑप्शनल सब्जेक्ट के साथ Mains का एग्जाम दिया है। हालांकि, इसमें कामयाबी की दर 3.4% से 7.3% के बीच रही है। तीसरे नंबर पर कैंडिडेट्स का सबसे पसंदीदा ऑप्शनल सब्जेक्ट पॉलिटिकल साइंस है। इसमें सक्सेस रेट 8 से 10% के बीच है।

हिस्ट्री से बेहतर सक्सेस रेट मेडिकल साइंस, लॉ और कॉमर्स में
साल 2015 तक हिस्ट्री भी टॉप 3 फेवरेट ऑप्शनल सब्जेक्ट्स में थी लेकिन इसमें सक्सेस रेट 5% के आस-पास ही है। इस बीच बीते 10 सालों में इस एग्जाम में इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स का नंबर भी बढ़ा है। हालांकि, इनमें से 50% कैंडिडेट्स एन्थ्रोपोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस और ह्यूमैनिटीज जैसे ऑप्शनल सब्जेक्ट्स के साथ भी सफल हुए हैं।

इसके अलावा मेडिकल साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, लॉ और कॉमर्स जैसे ऑप्शनल सब्जेक्ट्स में सक्सेस रेट 15-20% जबकि इन सब्जेक्ट्स के साथ एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स का नंबर है।

AIR 257 मनीषा धार्वे बनेंगी भिलाला जनजाति की पहली IAS ऑफिसर
प्रोफेसर विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि इस बार एग्जाम में मनीषा धार्वे भिलाला ने रैंक 257 रैंक हासिल की है।

मनीषा मंदसौर की रहने वाली हैं और भिलाला जनजाति से आती हैं।

वह अपनी जनजाति की पहली IAS ऑफिसर बनेंगी। उन्होंने बताया कि भोपाल के ऑटो ड्राइवर की बेटी भारती साहू ने एग्जाम में 850 रैंक हासिल की है। इनका भाई भी टैक्सी ड्राइवर है।

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