NEET Paper Leak in Bihar How Marked Papers were leaked during Transportation Exclusive | व्हिसलब्‍लोअर ने मार्च में कहा- NEET पेपर लीक होगा: दावा- ट्रक में रखे बक्से को मार्क करके पेपर लीक करते हैं माफिया


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36 मिनट पहलेलेखक: उत्कर्षा त्यागी

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24 मार्च को यूट्यूब पर एक न्‍यूज चैनल के अकाउंट से एक वीडियो डाला गया। इसमें एक शख्‍स ने कैमरा पर आकर कहा- ‘जेल में बंद विशाल चौरसिया ने ही बिहार पुलिस भर्ती का पर्चा लीक किया है। वह अब जेल में रहकर ही NEET UG का पर्चा भी लीक करेगा।’

दरअसल बिहार में अक्‍टूबर 2023 में सिपाही भर्ती का पर्चा लीक हुआ था, जिस मामले में विशाल चौरसिया जेल में था। वीडियो में आरोप लगाने वाला शख्‍स विजेंद्र गुप्‍ता था, जिसका नाम विशाल ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था।

विजेंद्र ने अपने बचाव में लोकल न्‍यूज चैनल टाइम्‍स ऑफ स्‍वराज के एडिटर संतोष सिंह को इंटरव्‍यू दिया, जिसमें कहा कि NEET UG का पेपर भी लीक होने वाला है।

विजेंद्र गुप्‍ता का इंटरव्‍यू यूट्यूब पर 24 मार्च को अपलोड हुआ। NEET परीक्षा में अभी लगभग 40 दिन बाकी थे।

इस इंटरव्‍यू के बारे में संतोष सिंह ने दैनिक भास्‍कर को बताया- ‘विजेंद्र गुप्ता का मेरे पास फोन आया। उसने मिलकर बात करने को कहा। जब मैं उससे मिला तो उसने मुझसे कहा कि विशाल चौरसिया पेपर लीक का मास्टरमाइंड है। विशाल जेल में रहते हुए ही NEET UG का पेपर भी लीक कराने वाला है।’

विजेंद्र गुप्‍ता ने जब पेपर लीक का दावा किया, उस समय तक NEET UG परीक्षा के लिए एप्‍लिकेशन की प्रोसेस ही चल रही थी। परीक्षा 40 दिन बाद 5 मई को होनी थी।

विजेंद्र ने बताया, कैसे कुरियर सर्विस से लीक होता है पेपर
विजेंद्र ने कहा कि विशाल के लोग पेपर लीक के लिए अब प्रिंटिग प्रेस का इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि कुरिअर सर्विस का इस्तेमाल किया जाता है। मान लीजिए किसी प्रिंटिंग प्रेस से क्वेश्चन पेपर्स के 100 बॉक्स ट्रक में लोड होकर एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। प्रिंटिंग प्रेस से कोई इस ट्रक की जानकारी अपने गिरोह के दूसरे सदस्य को देता है। रास्ते में गिरोह के सदस्य ट्रक रोकते हैं और यहां से पेपर लीक हो जाता है।

पेपर लेकर जाने वाले सभी बक्सों को सील किया जाता है। साथ ही इन पर टाइम सेट किया जाता है। पेपर शुरू होने से कुछ समय पहले बॉक्स खुद खुल जाते हैं, लेकिन इनमें से कुछ बक्सों के साथ धांधली की जाती है।

इसे उदाहरण से समझें- एक ट्रक में 100 बक्से लोड होकर जा रहे हैं। इनमें 99 बक्सों पर टाइमर और सील लगाई जाती है, लेकिन एक बक्से पर ऐसा नहीं किया जाता। उसे मार्क किया जाता है और रास्ते में इसी बक्से से क्वेश्चन पेपर लीक होता है।

ये 100वां बक्सा जब सेंटर पर पहुंचता है तो वो खुद ब खुद नहीं खुल पाता, क्योंकि इसके साथ रास्ते में छेड़छाड़ की गई थी। इसी वजह से कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं कि क्वेश्चन पेपर का बॉक्स नहीं खुला।

हरियाणा के स्कूल मे आरी से काटना पड़ा था प्रश्न पत्र बॉक्स
हरियाणा के झज्जर के विजया सीनियर सेकेंडरी स्कूल के चेयरमैन राम नारायण किंद्रा ने दैनिक भास्कर को बताया, ‘क्वेश्चन पेपर बॉक्स लेकर जाते वक्त हमसे कहा गया कि रास्ते में कहीं रुकना नहीं है। बॉक्स में GPS लगा है। कहीं रुकोगे तो रिकॉर्ड हो जाएगा। 1:15 बजे ये बॉक्स अपने आप खुल जाएंगे। 1:15 पर हमारे सेंटर पर एक बॉक्स खुला, 3 बॉक्स नहीं खुले। सुपरिन्टेंडेंट ने NTA के अफसरों को फोन किया। उन्होंने कहा कि बॉक्स तोड़ दो या उसके साथ आरी दी हुई है, उससे काट दो।’

इसके बाद यहां आरी से बॉक्स को काटकर क्वेश्चन पेपर निकाले गए और बच्चों को बांटे गए।

बिहार सिपाही भर्ती की जांच में मिला था NEET पेपर लीक का सुराग
अक्टूबर 2023 में हुए बिहार सिपाही भर्ती पेपर लीक की जांच के दौरान ही NEET पेपर लीक का नेटवर्क भी पुलिस के हाथ लगा था। बिहार पुलिस को पटना के एक किराए के मकान से NEET UG के जले हुए पेपर, कुछ कैंडिडेट्स के रोल नंबर और पेपर लीक आरोपियों के नाम पोस्ट-डेटेड चेक बरामद हुए। इसके बाद बिहार पुलिस ने 13 लोगों को अरेस्ट किया जिनमें MBBS कर रहे सॉल्वर भी शामिल थे।

इनमें से 4 अभ्यर्थी यह कबूल कर चुके हैं कि उन्हें NEET एग्जाम से चार घंटे पहले प्रश्नपत्र और उत्तर मिल गए थे। इसका प्रिंट आउट लिया गया और 5 मई को सुबह 10 बजे रटाना शुरू किया। NTA पर देशभर से सवाल उठने के बाद अब NEET पेपर लीक की जांच 22 जून को CBI के हाथों में सौंप दी गई है।

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