NEET Paper Leak Controversy Update; Supreme Court | NEET Counselling | NEET UG काउंसलिंग पोस्‍टपोन से स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय का इनकार: कहा- काउंसलिंग की आधिकारिक डेट्स जारी नहीं हुई थीं


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1 दिन पहले

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कई स्‍टूडेंट्स यूनियन ने 5 जुलाई को दिल्ली के जंतर मंतर पर NTA के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय का कहना है कि NEET UG काउंसलिंग स्‍थगित होने की खबर गलत है। चूंकि, कांउसलिंग की कोई आधिकारिक डेट जारी नहीं की गई थी, ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता कि काउंसलिंग स्‍थगित की गई है।

दरअसल, शनिवार दोपहर न्‍यूज एजेंसी ANI पर जानकारी आई थी कि NEET UG काउंसलिंग अगले आदेश तक के लिए स्‍थगित कर दी गई है। इसी के चलते स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने ये जानकारी जारी की है। इससे पहले NTA ने सुप्रीम कोर्ट में ये कहा था कि NEET काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होनी है।

सुप्रीम कोर्ट 2 बार काउंसलिंग पर रोक से इनकार कर चुका है
11 जून को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस असदुद्दीन ने सुनवाई के बाद काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद 20 जून को एक और याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से दोबारा इनकार किया था।

काउंसलिंग से मिलता है MBBS, MDS कोर्सेज में दाखिला
NEET UG की रैंक के आधार पर MBBS और BDS जैसे मेडिकल कोर्सेस में दाखिला मिलता है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, यानी NTA ने 4 जून को NEET UG का रिजल्ट घोषित किया था। 67 टॉपर्स सहित कुल 13.16 लाख स्टूडेंट्स ने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा पास की। फिर ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट्स का 23 जून को रीएग्जाम कराया गया।

संशोधित रिजल्ट जारी होने के NEET UG टॉपरों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई है।

5 चरणों में होती है काउंसलिंग
NEET UG काउंसलिंग प्रक्रिया में कई चरणों में होती है। इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, ऑप्शन भरना और लॉक करना, सीट एलॉटमेंट और आखिर में एलॉटेड कॉलेज में रिपोर्ट करना शामिल है। इस पूरी प्रक्रिया में स्टूडेंट्स को कई डॉक्यूमेंट्स की भी जरूरत होती है।

8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी
NEET पेपर लीक, परीक्षा में हुईं गड़बड़ियों और ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई सभी 26 याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इसमें से 22 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स, कोचिंग इंस्टीट्यूट और वेलफेयर एसोशिएशन की तरफ से दायर की गई हैं। वहीं 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से दायर हुई हैं।

NTA ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- आंसर की में बदलाव से किसी का नुकसान नहीं हुआ
NTA ने 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि फिजिक्स के एक सवाल के जवाब में बदलाव होने से कैंडिडेट्स का नुकसान नहीं हुआ है। दरअसल, इस सवाल का जवाब पुरानी और नई NCERT के हिसाब से अलग-अलग था। आंसर की में बदलाव किया गया और उन सभी कैंडिडेट्स को बोनस मार्क्स दिए गए जिन्होंने क्वेश्चन अटेम्प्ट किया था।

स्टूडेंट्स ने कोर्ट में आंसर की बदलने की वजह से नुकसान होने को लेकर याचिका दायर की थी। NTA ने कहा है कि एग्जाम से पहले जारी की गई इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में पहले ही ये बताया गया था कि अगर किसी सवाल में दो सही जवाब हों, तो +4 बोनस मार्क्स सिर्फ उन कैंडिडेट्स को मिलेंगे जिन्होंने सही जवाब चुना हो।

NTA ने कहा- 56 शहरों से हैं मेरिट लिस्ट के टॉप 100 कैंडिडेट्स
NTA पर एक ही सेंटर से 6 टॉपर्स होने और 61 कैंडिडेट्स के 720/720 मार्क्स हासिल करने को लेकर भी सवाल किए गए थे। इस पर 6 जुलाई को NTA ने कोर्ट में कहा कि कुछ कैंडिडेट्स ने कहा कि टॉप 100 कैंडिडेट्स के रिजल्ट के एनालिसिस से ये पता चला कि ये टॉपर्स 56 शहरों में 95 अलग-अलग सेंटर्स से हैं। NTA ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सिलेबस कम किया गया था। इसका स्टूडेंट्स को फायदा हुआ और 61 कैंडिडेट्स ने परफेक्ट स्कोर किया।

ReNEET के खिलाफ 56 स्टूडेंट्स सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
ReNEET के खिलाफ गुजरात के 56 स्टूडेंट्स ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। स्टूडेंट्स का कहना है कि ज्यादातर ने दो साल की कड़ी मेहनत और 100% लगन के साथ एग्जाम दिया था। ऐसे में दोबारा NEET एग्जाम कराना स्टूडेंट्स के हित में नहीं है। ये आर्टिकल 14 और 21A के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

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