India China; NCERT Textbooks Changes Update | Azad Pakistan Article 370 | NCERT की किताब में हुए बदलाव: ‘भारत चीन सैन्‍य संघर्ष’ को ‘चीन की घुसपैठ’ लिखा, ‘आजाद पाकिस्‍तान’ शब्‍द भी हटा


  • Hindi News
  • Career
  • India China; NCERT Textbooks Changes Update | Azad Pakistan Article 370
6 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

NCERT की पॉलिटिकल साइंस की किताब में ‘चीन के साथ भारत के संबंध और स्थिति’ से जुड़े चैप्टर में बदलाव किया गया है। 12वीं में कंटेंपरेरी वर्ल्ड पॉलिटिक्स के दूसरे चैप्टर में भारत-चीन टाइटल के कंटेंट में भी बदलाव कर दिया गया है।

पहले किताब के पेज नंबर 25 पर लिखा था कि भारत-चीन के बीच के ‘सैन्य संघर्ष’ ने उम्मीद को खत्म कर दिया है। अब इस वाक्य की जगह लिखा है – भारतीय सीमा पर ‘चीन की घुसपैठ’ ने उम्मीद को खत्म कर दिया है।

इस वाक्य से सैन्य संघर्ष शब्द को बदलकर अब घुसपैठ कर दिया गया है। इसके अलावा 2019 में संविधान से आर्टिकल 370 हटाने का जिक्र भी शामिल है।

आजाद पाकिस्तान की जगह पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर लिखा
पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस किताब में आजाद पाकिस्तान शब्द को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर शब्द से बदल दिया गया है। इस किताब के पेज नंबर 119 में पहले लिखा था कि ‘भारत ये मानता है कि इस इलाके पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। पाकिस्तान इस हिस्से को आजाद पाकिस्तान कहता है।’ अब किताब में लिखा गया है – ;ये भारत का हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया है और इसे ही POJK यानी पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर कहा जाता है।’

आर्टिकल 370 को हटाने का जिक्र भी शामिल किया
पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस के पेज नंबर 132 पर आर्टिकल 370 को हटाने का जिक्र भी किया गया है। पहले इस किताब में लिखा था – अधिकतर राज्यों के पास समान शक्तियां हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर और पूर्वी राज्यों के पास कुछ विशेष शक्तियां और प्रावधान हैं। अब किताब में बताया गया है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 राष्ट्रपति द्वारा 2019 में हटा दी गई।

बाबरी मस्जिद को ‘3 डोम स्ट्रक्चर’ बताया
पिछले हफ्ते पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस में कई और बदलाव किए गए थे। गुजरात दंगों को मुस्लिम विरोधी दंगे लिखा गया। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी के समय की बातों में भी बदलाव किया गया।

बाबरी मस्जिद का नाम हटाकर इसे 3 डोम स्ट्रक्चर यानी 3 गुंबद वाली इमारत बताया है। वहीं, अयोध्या विवाद को आपसी सद्भाव से सुलझाया गया मुद्दा बताया गया है। ‘गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक भाजपा की रथ यात्रा’, ‘कारसेवकों की भूमिका’, ‘6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा’, ‘भाजपा शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन’ और ‘भाजपा का अयोध्या में हुई घटनाओं पर दुख जताना’ किताब में शामिल किया है।

छात्रों की समझ के लिए किए बदलाव : NCERT
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी NCERT के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने इस मुद्दे पर कहा कि सिलेबस में बदलाव किसी भी तरह से राजनीति का हिस्सा नहीं है। हमने दंगा शब्द को इसलिए हटाया क्योंकि हमें लगा कि स्कूली किताबों में दंगों के बारे में नहीं पढ़ना चाहिए। ये बदलाव छात्रों को पॉजिटिव माहौल देने और राजनीति की समझ बढ़ाने के लिए किए गए हैं।

इसके साथ ही डायरेक्टर सकलानी ने कहा – शब्दों को बदला जा सकता है, हम उसी बात को मानते हैं, जो संविधान कहता है। जैसे हम भारत शब्द का यूज कर सकते हैं और हम इंडिया शब्द का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें कोई मुश्किल नहीं है। ये बेकार की बहस है।

इंडिया को भारत शब्द में बदलने की सिफारिश
पिछले साल स्कूल सिलेबस में बदलाव करने के लिए NCERT ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पिछले साल सिफारिश की थी कि सभी क्लासेज के सिलेबस में ‘इंडिया’ शब्द के बजाय ‘भारत’ शब्द होना चाहिए। इस बारे में NCERT ने कहा था कि अभी इस पर विचार नहीं किया गया है।

कमेटी प्रेसिडेंट सी.आई. इसाक ने PTI से कहा था कि उन्होंने सिलेबस में ‘इंडिया’ नाम की जगह ‘भारत’ नाम रखने, सिलेबस में ‘प्राचीन इतिहास’ की जगह ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ रखनेऔर सभी विषयों के सिलेबस में इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) को शामिल करने की बात कही है। कमेटी ने सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि सभी क्लास के छात्रों के लिए सिलेबस में भारत नाम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। भारत एक सदियों पुराना नाम है। भारत नाम का इस्तेमाल प्राचीन ग्रंथों जैसे विष्णु पुराण में किया गया है, जो 7,000 साल पुराना है। हालांकि, भारत नाम पहली बार आधिकारिक तौर पर पिछले साल सामने आया था, जब सरकार ने प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से G20 समिट का इनविटेशन भेजा था।

योगेंद्र यादव, सुहास पलशीकर बोले- सिलेबस तैयार नहीं किया, फिर भी छपा नाम
कक्षा 9 से 12 तक की पॉलिटिकल साइंस की किताबों के पूर्व मुख्य सलाहकार रहे सुहास पलशीकर और योगेंद्र यादव ने नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी NCERT को एक लेटर लिखा है।

सोमवार को NCERT प्रमुख डी पी सकलानी को पत्र लिखकर यादव और पलशीकर ने कहा कि वो यह जानकर हैरान हैं कि सिलेबस से उन्होंने खुद को पूरी तरह अलग कर लिया था, लेकिन अभी छपी किताबों में उनका नाम शामिलहै।

खबरें और भी हैं…



Source link

(Visited 2 times, 1 visits today)

About The Author

You Might Be Interested In

Leave a Reply