Current Affairs Ireland, Norway and Spain recognized Palestine, RBI will give Rs 2.11 lakh crore surplus to the central government | करेंट अफेयर्स 22 मई: आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फिलिस्तीन को मान्यता दी, RBI केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपए सरप्लस देगा
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आयरिश विदेश मंत्री माइकल मार्टिन (दाएं), आयरिश प्रधानमंत्री साइमन हैरिस (मध्य) और आयरिश मंत्री इमोन माइकल रयान (बाएं) ने फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता देने की घोषणा की।
दुनिया का सबसे महंगा पंख 23.63 लाख रुपए में नीलाम हुआ। अमेरिका के यूटा प्रांत की तस्वीर मिल्की वे फोटोग्राफ ऑफ द ईयर चुनी गई। वहीं, FSSAI ने MDH-एवरेस्ट को क्लीन चिट दी।
आइए आज के ऐसे ही प्रमुख करेंट अफेयर्स पर नजर डालते हैं, जो सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अहम हैं…
नेशनल (NATIONAL)
1. RBI केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपए सरप्लस देगा: 22 मई को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2,10,874 करोड़ रुपए के सरप्लस ट्रांसफर को मंजूरी दी। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में RBI ने सरकार को 87,416 करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर किया था। यानी, ये पिछले साल की तुलना में 1.23 लाख करोड़ रुपए ज्यादा है।
ये मीटिंग मुंबई में गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में की गई।
- सरप्लस का ये ट्रांसफर FY24 के लिए है, लेकिन यह FY25 के लिए सरकार के अकाउंट में दिखाई देगा।
- सरप्लस की घोषणा RBI के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 608वीं मीटिंग में की गई।
- RBI की आय और व्यय के बीच के अंतर को सरप्लस कहते हैं।
- RBI रिजर्व के लिए प्रोविजन और रिटेन्ड अर्निंग के बाद सरप्लस को सरकार को ट्रांसफर करता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 47 (अलॉकेशन ऑफ सरप्लस प्रॉफिट) के अनुसार, ये ट्रांसफर होता है।
इंटरनेशनल (INTERNATIONAL)
2. आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फिलिस्तीन को राष्ट्र मान्यता दी: 22 मई को आयरलैंड के प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की। नॉर्वे के साथ ही स्पेन और स्पेन ने भी फिलिस्तीन को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने का ऐलान किया।
आयरिश पीएम साइमन हैरिस ने कहा है कि अगर फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर मान्यता नहीं दी गई, तो फिर मिडिल ईस्ट में शांति नहीं आएगी।
- फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर 28 मई तक मान्यता दे दी जाएगी।
- तीनों देशों के इस फैसले का इजराइल ने विरोध किया।
- इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने आयरलैंड और नॉर्वे में इजराइली राजदूतों को लौटने का आदेश दिया।
- फिलिस्तीन को दुनिया के 140 से अधिक देशों ने मान्यता दे रखी है।
- हमास के हमलों के जवाब में 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल ने गाजा पट्टी पर क्रूर हमले शुरू किए थे।
- इस जंग में अब तक 35 हजार से ज्यााद फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।
3. दुनिया का सबसे महंगा पंख नीलाम हुआ: 21 मई को न्यूजीलैंड ऑकलैंड शहर में स्थित वेव्स ऑक्शन हाउस में लुप्त हो चुकी हुइया पक्षी का एक दुर्लभ पंख 23.63 लाख रुपए में नीलाम हुआ। नीलामीकर्ताओं ने इस पंख की शुरुआती कीमत 1.66 लाख से 2.50 लाख रुपए आंकी थी।
हुइया पक्षी के इस पंख का वजन 9 ग्राम है।
- इससे पहले 2010 में हुइया पंख 7 लाख रुपए में बिका था।
- हुइया न्यूजीलैंड की वेटलबर्ड प्रजाति में सबसे बड़ी पक्षी थी।
- यह मीठी बोली, काले चमकदार पंख और सफेद रंग की लंबी पूंछ के लिए जानी जाती थी।
- इस पक्षी को आखिरी बार 1907 में देखा गया था।
- न्यूजीलैंड के माओरी लोग इस पक्षी को टापू (पवित्र) मानते थे।
- इसकी खाल या पंख पहनना उच्च वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित था।
- हुइया पक्षी के पंख को कल्चर एंड हैरिटेज मिनिस्ट्री ने ताओंगा टुटुरु (प्रामाणिक खजाना) के रूप में पंजीकृत किया।
- इसके तहत पंख को बिना अनुमति के न्यूजीलैंड से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है।
अवॉर्ड (AWARD)
4. अमेरिका के यूटा प्रांत की तस्वीर मिल्की वे फोटोग्राफ ऑफ द ईयर चुनी गई: 20 मई को पौलेंड के लैंडस्केप फोटोग्राफर मार्सिन जाजैक को मिल्की वे फोटोग्राफर ऑफ द ईयर 2024 का खिताब मिला। मार्सिन ने अमेरिका के यूटा प्रांत के वैली स्टेट पार्क और ऊपर आकाशगंगा की छटा वाली फोटो को कैमरे में कैद किया था।
अमेरिका के यूटा प्रांत की ये तस्वीर मिल्की वे फोटोग्राफ ऑफ द ईयर चुनी गई।
- इस फोटो में थ्री सिस्टर्स हुडू (रेगिस्तान में चट्टानी ढांचा) के पास खिलते जंगली फूल हैं।
- यह इलाका अमेरिका के सबसे साफ आसमानों में से एक है।
- मार्सिन जाजैक पौलेंड के वारसॉ शहर के रहने वाले हैं।
- उन्हें एस्ट्रोनॉमी फोटोग्राफर ऑफ द ईयर से भी नवाजा गया।
- कैप्चर द एटलस ने 7वें सालाना मिल्की वे फोटोग्राफर ऑफ द ईयर का आयोजन किया।
- इस प्रतियोगिता में 25 विजेताओं की घोषणा की गई।
- इसमें दुनियाभर के फोटोग्राफर्स की मिल्की वे की बेस्ट पिक्चर्स शामिल की गई।
बिजनेस (BUSINESS)
5. FSSAI ने MDH-एवरेस्ट को क्लीन चिट दी: 21 मई को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने भारतीय मसालों में हानिकारक पदार्थों की मिलावट की बात खारिज कर दी है। संस्थान ने व्यापक जांच के बाद इनमें एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) न मिलने की पुष्टि की है। एथिलीन ऑक्साइड से कैंसर होने का खतरा रहता है।
- FSSAI ने 22 अप्रैल को मसालों की जांच के लिए देशभर में जांच अभियान शुरू किया था।
- जांच में महाराष्ट्र और गुजरात में एवरेस्ट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से 9 नमूनों की जांच हुई थी।
- दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में MDH की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से 25 नमूनों का विश्लेषण किया गया।
- विशेष रूप से गठित वैज्ञानिक पैनल ने 34 सैंपल में से 28 की रिपोर्ट में एथिलीन ऑक्साइड के नहीं होने की पुष्टि की है, बाकी छह सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी हैं।
- देशभर में अन्य ब्रांडों के मसालों के 300 से अधिक सैंपल इकट्ठे किए गए थे, जिनमें से किसी में भी एथिलीन ऑक्साइड की मौजूदगी नहीं थी।
- स्पाइस बोर्ड एथिलीन ऑक्साइड को 10.7 सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर ज्वलनशील, रंगहीन गैस के रूप में परिभाषित करता है।
- यह कीटाणुनाशक, स्टरलाइजिंग एजेंट और कीटनाशक के रूप में काम करता है।
- इसका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों को स्टरलाइज करने और मसालों में माइक्रोबियल कंटेमिनेशन को कम करने के लिए किया जाता है।
आज का इतिहास (TODAY’S HISTORY)
22 मई का इतिहास: 1906 में आज के दिन ही अमेरिका के ऑरविल राइट और विलबर राइटने अपनी फ्लाइंग मशीन का पेटेंट हासिल किया था। राइट बंधुओं के बनाए हवाई जहाज ने 17 दिसंबर 1903 को पहली सफल उड़ान भरी थी। हालांकि, अमेरिकी मिलिट्री के चलते 1903 में पेटेंट के दावे को खारिज कर दिया था।
राइट बंधुओं को मिले पेटेंट की कॉपी। इसमें उनकी बनाई फ्लाइंग मशीन का डिजाइन भी है।
- 1988 में भारत ने स्वदेश में विकसित बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि का सफल परीक्षण किया था।
- 1980 में मशहूर आर्केड गेम पेक-मेन लॉन्च हुआ था।
- 1972 में पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड एम निक्सन सोवियत संघ पहुंचे थे।
- 1963 में भारत के पहले ग्लाइडर रोहिणी ने उड़ान भरी थी।
- 1936 में लॉर्ड ब्रेबॉर्न ने बम्बई (अब मुंबई) में देश के पहले स्टेडियम ‘ब्रेबॉर्न स्टेडियम’ की नींव रखी थी।
- 1915 में प्रधम विश्व युद्ध के दौरान इटली ने ऑस्ट्रिया, हंगरी और जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।